समस्याओं से आगे: एक नए दृष्टिकोण की ओर परिचय हर व्यक्ति के जीवन में समस्याएँ आती हैं—कभी आर्थिक संकट, कभी रिश्तों में उलझन, कभी करियर की चिंता, तो कभी मानसिक तनाव। हम सभी चाहते हैं कि हमारा जीवन सुखमय हो, लेकिन क्या ऐसा संभव है कि जीवन में कभी कोई समस्या न आए? उत्तर स्पष्ट है— नहीं । समस्याएँ जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या हम इनके प्रभाव से मुक्त हो सकते हैं? उत्तर है— हाँ । यदि हम सही दृष्टिकोण अपनाएँ और अपने मन को जागरूक करें, तो हम किसी भी परिस्थिति में शांति और संतुलन बनाए रख सकते हैं। इस लेख में हम समझेंगे कि कैसे हम समस्याओं से परे जाकर एक जागरूक और संतुलित जीवन जी सकते हैं। 1. समस्याएँ क्यों आती हैं? समस्याएँ दो प्रकार की होती हैं: (i) बाहरी समस्याएँ (External Problems) ये वे समस्याएँ हैं जो हमारे नियंत्रण में नहीं होतीं, जैसे: ✔ आर्थिक कठिनाइयाँ (नौकरी छूटना, व्यापार में घाटा) ✔ पारिवारिक समस्याएँ (रिश्तों में मनमुटाव, तलाक, झगड़े) ✔ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें ✔ प्राकृतिक आपदाएँ या कानूनी परेशानियाँ इन समस्याओं को पूरी तरह टालना असंभव है,...
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