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बड़प्पन का आधार: उम्र नहीं, संस्कार और सेवा का भाव

Greatness is Based on Virtues and Service, Not Age – True Meaning of Being Elder बड़प्पन का आधार: उम्र नहीं, संस्कार और सेवा का भाव ~ आनंद किशोर मेहता भूमिका "क्या बड़ा भाई हमेशा जन्मक्रम से ही बड़ा होता है, या फिर संस्कारों और सेवा से?" परिवार केवल खून के रिश्तों से नहीं, बल्कि प्रेम, त्याग और संस्कारों से बंधा होता है। माता-पिता संपूर्ण परिवार को एक दिशा देने का कार्य करते हैं, लेकिन भाई-बहनों का रिश्ता केवल खेल-कूद और स्नेह तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसमें एक गहरी जिम्मेदारी भी छिपी होती है। परंपरागत रूप से, बड़े भाई को परिवार का मार्गदर्शक, रक्षक और सहारा माना जाता है। लेकिन क्या केवल जन्मक्रम के कारण कोई बड़ा बन सकता है? सच्चे अर्थों में बड़ा वही होता है, जो सेवा, त्याग और संस्कारों में अग्रणी हो। यदि छोटा भाई इन गुणों में बड़ा भाई से आगे है, तो वही "बड़ा" कहलाने के योग्य है। यह लेख इस महत्वपूर्ण विषय को स्पष्ट करेगा कि किसी व्यक्ति का "बड़ा" या "छोटा" होना केवल उम्र से नहीं, बल्कि उसके कर्तव्यों, सेवा और संस्कारों से तय हो...

संघर्ष से अर्जित सफलता: स्वाभिमान का जागरण, अभिमान से परे

Success Earned Through Struggle: Awakening of Self-Respect, Beyond Pride संघर्ष से अर्जित सफलता: स्वाभिमान का जागरण, अभिमान से परे ~ आनंद किशोर मेहता परिचय "अंधकार जितना गहरा होता है, प्रकाश की आवश्यकता उतनी ही अधिक होती है। संघर्ष जीवन के अंधकार को चीरकर आत्म-प्रकाश तक पहुँचने का माध्यम है।" संघर्ष केवल कठिनाइयों से जूझने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह आत्म-परिष्कार और आत्म-निर्माण की अनिवार्य यात्रा है। जब कोई व्यक्ति चुनौतियों से टकराकर सफलता प्राप्त करता है, तो यह उपलब्धि उसे आत्म-गौरव और आत्मसम्मान देती है, जिसे हम स्वाभिमान कहते हैं। लेकिन यदि यही सफलता व्यक्ति को दूसरों से श्रेष्ठ होने के अहंकार में डाल दे, तो यह अभिमान बन जाती है, जो आत्म-विनाश का मार्ग है। यह लेख इसी गहरे सत्य को उजागर करता है कि संघर्ष से प्राप्त सफलता स्वाभिमान को जन्म देती है, न कि अभिमान को, और यह विचार समस्त मानवता के लिए क्यों आवश्यक है। संघर्ष: आत्मबोध और आत्मनिर्माण की प्रक्रिया संघर्ष एक तपस्या है, जो व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से परिपक्व बनाती है। यह न...

अच्छे दोस्तों का महत्व और उनकी संगति का चयन

अच्छे दोस्तों का महत्व और उनकी संगति का चयन ✍ रा धा/ध: स्व आ मी ✍ A K MEHTA 🗓 18 जनवरी 2025 मेरे तो रा धा / ध: स्व आ मी दयाल, दूसरों न कोई। परिचय मित्रता केवल एक रिश्ता नहीं, बल्कि आत्मीयता और विश्वास का अटूट बंधन है, जो जीवन में सकारात्मकता, आनंद और संबल भरता है। सच्चा मित्र न केवल खुशियों में साथ देता है, बल्कि कठिनाइयों में भी मजबूती से खड़ा रहता है। सही मित्र का चयन हमारे विचारों, आदतों और व्यक्तित्व को संवारने में अहम भूमिका निभाता है। अच्छे मित्र हमें प्रेरित करते हैं, आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जबकि गलत संगति हमें भटकाव और असफलता की ओर धकेल सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कि अच्छे दोस्तों का चयन क्यों आवश्यक है, उनकी पहचान कैसे करें, उनकी सलाह को न मानने के क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं, और इस रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। "मित्रता वह दीपक है जो अंधेरे में राह दिखाता है, वह संबल है जो निराशा में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।" 1. अच्छे दोस्तों की संगति क्यों चुननी चाहिए? ...

🌿 EVERYDAY THOUGHTS 2025 🌿

🌿 EVERYDAY THOUGHTS 2025 🌿 ✍ लेखक: आनंद किशोर मेहता 📖 हर दिन एक नया अवसर है – ➡️ खुद को बेहतर बनाने का,                    ➡️ कुछ नया सीखने का,                          ➡️ और जीवन को सकारात्मकता से जीने का। 🌟 सोच को श्रेष्ठ बनाओ, कर्म को पवित्र बनाओ :  नोट करें:  यह सामग्री कॉपीराइट के अधीन है। बिना अनुमति इसे कॉपी करना या पुनः प्रकाशित करना अवैध है।  📌लेखक: आनन्द किशोर मेहता 📌 सफलता और आत्म-विकास के अनमोल विचार:  आत्म-प्रेम और आत्म-विश्वास:  📌 खुद से प्रेम करना ही जीवन की सबसे बड़ी जीत है। 📌 दूसरों की स्वीकृति से अधिक, खुद की स्वीकृति महत्वपूर्ण है। 📌 अपने भीतर की शक्ति को पहचानो, सफलता निश्चित है। सकारात्मक सोच और कर्मठता: 📌 सकारात्मक सोच असंभव को भी संभव बना देती है। 📌 हर नया दिन एक नई शुरुआत है, इसे पूरे जोश से जियो! 📌 सफलता मेहनत और सकारात्मक सोच का परिणाम है। धैर्य, परिश्रम और सफलता:  📌 धैर्य रखें, शुभ अवसर की ...

"लोग हमें वैल्यू कैसे देंगे?"

 "लोग हमें वैल्यू कैसे देंगे?"   खुद को सम्मान दें, तभी दुनिया आपको वैल्यू देगी:  लेखक: आनंद किशोर मेहता लोग आपको तब वास्तविक मूल्य देंगे जब आप खुद को सम्मान देंगे और अपने कार्यों से ऐसा प्रभाव बनाएँगे कि वे आपकी कद्र करने पर मजबूर हो जाएँ। यह न केवल एक साधारण सिद्धांत है, बल्कि जीवन में सच्चे मूल्य को प्राप्त करने का गहरा मार्ग है। इस यात्रा में कुछ महत्वपूर्ण बातें हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए: स्वयं को मूल्य देना (Self-Respect): जब आप खुद को महत्व देंगे, तो दुनिया भी आपको उसी दृष्टि से देखेगी। अपनी सोच, क्षमताओं और कार्यों को सशक्त बनाएं। अपनी सीमाओं को समझें और उन्हें सम्मानित करने का अवसर दूसरों को दें। ज्ञान और कौशल में उत्कृष्टता: जिस क्षेत्र में आप कार्य कर रहे हैं, वहां पूर्णता का प्रयास करें। लगातार सीखें, अपने कौशल को निखारें और खुद को एक विशेषज्ञ के रूप में स्थापित करें। जब लोग आपके ज्ञान और कौशल से प्रभावित होते हैं, तो आपका मूल्य स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है। आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास: किसी पर निर्भर नहीं, बल्कि अपने भीतर की शक्ति से आगे ...