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तू हारकर भी विजेता है

तू हारकर भी विजेता है  ~ आनंद किशोर मेहता जीवन में हार और जीत केवल बाहरी घटनाएँ नहीं हैं, बल्कि ये हमारी आंतरिक स्थिति को भी परिभाषित करती हैं। अक्सर लोग हार को अंत समझ लेते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि हर हार अपने भीतर एक नई जीत की संभावना समेटे होती है। जब तक हम प्रयास करना नहीं छोड़ते, तब तक कोई भी हार अंतिम नहीं होती। "हार कोई अंत नहीं, यह तो बस एक नया आरंभ है!" वैज्ञानिक दृष्टिकोण थॉमस एडिसन का उदाहरण लें, जिन्होंने 1000 से अधिक बार असफल होने के बाद बल्ब का आविष्कार किया। जब उनसे पूछा गया कि इतनी बार विफल होने के बावजूद उन्होंने हार क्यों नहीं मानी, तो उन्होंने उत्तर दिया, "मैं असफल नहीं हुआ, मैंने 1000 ऐसे तरीके खोजे जो काम नहीं करते थे।" यही असली जीत है—असफलताओं से सीखकर आगे बढ़ना। "असली हार तब होती है जब हम प्रयास करना छोड़ देते हैं।" दार्शनिक दृष्टिकोण सुकरात, जिन्होंने तर्क और विचारशीलता से समाज को नई दिशा दी, उन्हें भी अपनी सत्यनिष्ठा के कारण विष का प्याला पीना पड़ा। उनकी मृत्यु को उनके विरोधियों ने जीत समझा, लेकिन उनके विच...