समर्पित शिक्षा: बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव लेखक: आनंद किशोर मेहता शिक्षा का उद्देश्य गाँव के बच्चों के लिए शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है। इसका उद्देश्य उन्हें अच्छे इंसान बनाना और जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों को सिखाना है। मेरा मानना है कि जब बच्चों को सही मार्गदर्शन और स्नेह मिलता है, तो वे न केवल अच्छे छात्र बनते हैं, बल्कि जीवन में सफलता की ओर अग्रसर होते हैं। "शिक्षा जीवन जीने की कला है, न केवल किताबों तक सीमित।" बच्चों की स्थिति और मनोविज्ञान गाँव के अधिकांश बच्चे ऐसे परिवारों से आते हैं, जहाँ घर पर उनकी पढ़ाई में मदद नहीं मिलती। वे मानसिक और भावनात्मक समर्थन के लिए स्कूल आते हैं। स्कूल ही उनका वो स्थान है, जहाँ वे अपने सपनों और आशाओं को पंख देते हैं। "हर बच्चा विशेष है, उसे समझने और पोषित करने की आवश्यकता है।" शिक्षा का समग्र दृष्टिकोण मेरे लिए शिक्षा सिर्फ विषयों तक सीमित नहीं है। कक्षा 1 से 5 तक, बच्चों को संस्कार, आत्मनिर्भरता, और जिम्मेदारी का भी पाठ पढ़ाया जाता है। सीनियर बच्चों का योगदान: कक्षा 5 के बच्चे, कक्षा 3-4 के बच्चों को पढ़ाते हैं...
Fatherhood of God & Brotherhood of Man.