धर्मों की उत्पत्ति और विकास: एक सरल यात्रा लेखक: आनंद किशोर मेहता Introduction : धर्म मानव जीवन के अद्वितीय स्तंभ होते हैं, जो न केवल आध्यात्मिक जागरूकता का मार्ग प्रशस्त करते हैं, बल्कि समाज में प्रेम, समानता और सेवा का संदेश भी फैलाते हैं। भारत, एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न धर्मों ने जन्म लिया और अपने-अपने तरीके से मानवता की सेवा की। इस लेख में हम विभिन्न धर्मों के उद्भव, उनके मुख्य सिद्धांतों और योगदान को समझेंगे, ताकि हम यह जान सकें कि इन धर्मों ने समाज में किस प्रकार सकारात्मक परिवर्तन और शांति का सूत्र प्रदान किया। 1. आदि मानव और धर्म की शुरुआत जब इंसान जंगलों में रहता था, तब न कोई मंदिर था, न किताब, न पंथ। उसे डर था: अंधेरे का, आग का, जानवरों का। वह प्रकृति को पूजने लगा — सूर्य, चाँद, जल, वायु, अग्नि — क्योंकि वही उसका जीवन थे। यह प्राकृतिक पूजा ही प्राचीन धर्मों की जड़ थी। 2. धीरे-धीरे सभ्यता बनी, तो विश्वास बना जैसे-जैसे लोग एक साथ रहने लगे, खेती करने लगे, बस्तियाँ बनीं — वैसे ही समूह की एकता और नैतिकता बनाए रखने के लिए नियम बनाए गए। इन नियमों को धर्म कहा जान...
Fatherhood of God & Brotherhood of Man.