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क्या आपने कभी…?

क्या आपने कभी…?  -- आनन्द किशोर मेहता  कुछ सवाल शब्दों में नहीं, आत्मा में जन्म लेते हैं। वे जीवन से नहीं, संवेदनाओं से जुड़े होते हैं। आज मैं ऐसे ही कुछ सवाल आपके सामने रखना चाहता हूँ — न किसी आरोप के रूप में, न किसी ज्ञान के रूप में — बल्कि एक इंसान की पुकार के रूप में। क्या आपने कभी किसी और के दर्द में खुद को टूटते देखा है? न वह आपका रिश्तेदार था, न आपका कोई अपना। फिर भी उसकी आँखों में आँसू देखकर आपके भीतर कुछ पिघल गया। एक मासूम बच्चे की भूख, एक वृद्ध की खामोश आंखें, या किसी मां की बेबस पुकार — क्या कभी कुछ ऐसा था, जिसने आपके दिल को भीतर से हिला दिया? क्या आपने कभी किसी की ख़ुशी के लिए रातों को जागकर दुआ की है? आपको उससे कुछ नहीं चाहिए था। सिर्फ़ इतना चाहिए था कि उसका जीवन थोड़ा मुस्कुरा ले, उसके जीवन में उजाला आ जाए। आपने अपने आंसुओं में उसके सुख की प्रार्थना की — और वह जान भी न सका कि कोई, कहीं, उसकी ख़ुशी के लिए रोया था। क्या आपने कभी किसी को आगे बढ़ाने के लिए खुद पीछे हटने का निर्णय लिया है? कभी किसी को उड़ान देने के लिए अपने पंख काट लिए हों? आपने उसकी क्षमताओं...

मानवता: एक दिव्य प्रेरणा 2025

मानवता: एक दिव्य प्रेरणा लेखक: आनंद किशोर मेहता परिचय: मानवता केवल एक भावना नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। यह प्रेम, करुणा, दया और सहानुभूति का वह अद्भुत संगम है, जो व्यक्ति को न केवल समाज, बल्कि संपूर्ण विश्व के कल्याण की ओर प्रेरित करता है। मानवता का वास्तविक अर्थ अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरों की भलाई के लिए निःस्वार्थ भाव से कार्य करना है। मानवता के प्रमुख गुण: दयालुता – सभी प्राणियों के प्रति संवेदनशीलता और करुणा रखना। सहानुभूति – दूसरों के दुख और कष्ट को समझकर उनकी सहायता करना। ईमानदारी – सच्चाई का पालन करना और सत्य को महत्व देना। विनम्रता – अहंकार से दूर रहकर दूसरों का सम्मान करना। परोपकारिता – बिना किसी स्वार्थ के समाज की भलाई के लिए कार्य करना। सत्य का समर्थन – सच्चाई और न्याय के मार्ग पर चलना। निर्भयता – सत्य और धर्म के मार्ग पर बिना भय के आगे बढ़ना। आंतरिक शुद्धि – अपने मन और हृदय को निर्मल रखना। दानशीलता – योग्य और जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करना। सद्भावना – विश्व में प्रेम, भाईचारा और शांति फैलाना। मानवता के प्रति उत्तरदायित्व: सभी के प्रति समा...