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दिल की खामोशी और जीवन की सच्चाई

दिल की खामोशी और जीवन की सच्चाई (A Soul-Touching Reflection) कभी-कभी जीवन के शोर में सबसे स्पष्ट आवाज़... खामोशी होती है। वो खामोशी जो शब्दों से परे होती है – जो सीधे अंतरात्मा से बात करती है। जब सब कुछ पास होकर भी अधूरा लगे, तो समझो रूह किसी और ऊँचाई को छूना चाहती है। "जब दिल खामोश हो जाए, तो समझो वह सबसे गहरा सच बोल रहा है।" हम रोज़ हँसते हैं, बोलते हैं, मिलते हैं... पर क्या कभी अपने भीतर झाँक कर देखा है? वहाँ एक मासूम दिल बैठा है, जिसने बचपन से अब तक सिर्फ एक ही चीज़ चाही है – सच्चा प्रेम। ना वह दिखावे का प्रेम, ना शर्तों में बँधा हुआ प्रेम, बल्कि एक निर्विकार, निर्मल, रूहानी प्रेम , जो बिना कुछ माँगे, बस बाँटना जानता है। "सच्चा प्रेम वह है जो छूता भी नहीं, लेकिन फिर भी दिल को बदल देता है।" हम अपने संघर्षों में इतने उलझ गए हैं कि जीवन की असल सुंदरता छूट गई — किसी की आँखों में सुकून देना, किसी के आँसू पोंछ देना, और बिना बोले किसी का हाथ थाम लेना। "जिसने दूसरों के दर्द को बिना कहे समझा, वही इंसानियत की ऊँचाई पर है।" ...