दयालबाग: “खेत सिक्युरिटी सेवा की झलक” AUTHOR: ANAND KISHOR MEHTA Gmail: pbanandkishor@gmail.com कविता: दयालबाग: “खेत सिक्युरिटी सेवा की झलक”. (सेवा के पावन अनुभवों पर आधारित एक सहज और सुंदर कविता). सेवा का अवसर जब भी मिला, मन प्रेम और आनंद में झूमा, खेतों की इस पुण्य भूमि पर, हर क्षण लगा अमृत के जैसा। हरियाणा, राजस्थान संग, सटा हुआ यह खेत कैंप, जहाँ प्रेमी जुटे निरंतर, समर्पण का अनुपम संग। आंचल भाई की सेवा देखी, मन श्रद्धा से भर गया, बिना विश्राम, बिना अवकाश, हर पल सेवा में रमा। दूर खड़े जब देखा उनको, आँखें श्रद्धा से झुक गईं, निज अहं को त्याग दिया, मालिक की दया-मेहर मिली। दयालबाग में जागरूकता, सतसंगी सब सेवा में तत्पर, जहाँ चरण पड़े मालिक के, वहीं हुआ सब कुछ पावन। यमुना तीरे बैठे थे हम,...
Fatherhood of God & Brotherhood of Man.