प्रकृति की सुंदरता: एक अनुपम एहसास ~ आनंद किशोर मेहता प्रकृति स्वयं में एक महान कलाकार है, जिसकी कूची से निकली हर रचना अनूठी और अनुपम होती है। जब हम प्रकृति की सुंदरता को देखते हैं, तो मन एक असीम शांति और आनंद का अनुभव करता है। हरी-भरी वादियाँ, ऊँचे पर्वत, कलकल बहती नदियाँ, सुरम्य झरने, रंग-बिरंगे फूल, चहचहाते पक्षी—ये सब मिलकर एक ऐसा संसार रचते हैं, जिसमें आत्मा को सुकून और हृदय को स्फूर्ति मिलती है। "फूलों की तरह खिलो, नदियों की तरह बहो, और पेड़ों की तरह धरती से जुड़े रहो।" प्राकृतिक सौंदर्य का महत्व प्राकृतिक सुंदरता केवल आँखों को लुभाने का साधन नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करती है। जब हम प्रकृति के सान्निध्य में होते हैं, तो हमारी चिंताओं का भार हल्का हो जाता है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि हरे-भरे स्थानों में समय बिताने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और जीवन में संतुलन बना रहता है। "जब मन व्याकुल हो, तो प्रकृति की ओर देखो—हर वृक्ष, हर लहर, हर झोंका शांति का संदेश देता है।" प्रकृति से जुड़ाव: आत्मिक अनुभव जो व्यक्ति प्रकृति ...
Fatherhood of God & Brotherhood of Man.