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विज्ञान + आध्यात्म = संतुलित और सुरक्षित भविष्य

विज्ञान + आध्यात्म = संतुलित और सुरक्षित भविष्य  ~ आनंद किशोर मेहता परिचय आज की दुनिया विज्ञान की चमत्कारी उपलब्धियों से परिपूर्ण है। मानव जाति ने तकनीकी उन्नति के माध्यम से जीवन को आसान बनाया है, परंतु इस प्रगति के साथ मानसिक अशांति, तनाव और आध्यात्मिक शून्यता भी बढ़ी है। क्या विज्ञान और आध्यात्म एक-दूसरे के विरोधी हैं, या इनका समन्वय ही मानवता के उज्जवल भविष्य की कुंजी है? यदि हमें एक संतुलित और सुरक्षित समाज बनाना है, तो इन दोनों का एकीकरण आवश्यक है। विज्ञान और आध्यात्म: परस्पर विरोधी या पूरक? विज्ञान और आध्यात्म को अक्सर दो अलग दिशाओं में चलता हुआ समझा जाता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि ये दोनों एक ही सत्य के विभिन्न पहलू हैं। विज्ञान भौतिक जगत के रहस्यों को खोजता है, जबकि आध्यात्म हमारे आंतरिक जीवन और चेतना के रहस्यों को उजागर करता है। जब ये दोनों एक साथ चलते हैं, तो मानव जीवन संतुलित और समृद्ध बनता है। "तकनीक और संवेदनशीलता साथ चलें, तभी दुनिया सुरक्षित होगी।" विज्ञान की भूमिका विज्ञान ने हमें चिकित्सा, संचार, अंतरिक्ष अन्वेषण और आधुनिक जीवनशैली जै...