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संघर्ष से अर्जित सफलता: स्वाभिमान का जागरण, अभिमान से परे

Success Earned Through Struggle: Awakening of Self-Respect, Beyond Pride संघर्ष से अर्जित सफलता: स्वाभिमान का जागरण, अभिमान से परे ~ आनंद किशोर मेहता परिचय "अंधकार जितना गहरा होता है, प्रकाश की आवश्यकता उतनी ही अधिक होती है। संघर्ष जीवन के अंधकार को चीरकर आत्म-प्रकाश तक पहुँचने का माध्यम है।" संघर्ष केवल कठिनाइयों से जूझने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह आत्म-परिष्कार और आत्म-निर्माण की अनिवार्य यात्रा है। जब कोई व्यक्ति चुनौतियों से टकराकर सफलता प्राप्त करता है, तो यह उपलब्धि उसे आत्म-गौरव और आत्मसम्मान देती है, जिसे हम स्वाभिमान कहते हैं। लेकिन यदि यही सफलता व्यक्ति को दूसरों से श्रेष्ठ होने के अहंकार में डाल दे, तो यह अभिमान बन जाती है, जो आत्म-विनाश का मार्ग है। यह लेख इसी गहरे सत्य को उजागर करता है कि संघर्ष से प्राप्त सफलता स्वाभिमान को जन्म देती है, न कि अभिमान को, और यह विचार समस्त मानवता के लिए क्यों आवश्यक है। संघर्ष: आत्मबोध और आत्मनिर्माण की प्रक्रिया संघर्ष एक तपस्या है, जो व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से परिपक्व बनाती है। यह न...

Beyond Problems: A Balanced Perspective

समस्याओं से आगे: एक नए दृष्टिकोण की ओर परिचय हर व्यक्ति के जीवन में समस्याएँ आती हैं—कभी आर्थिक संकट, कभी रिश्तों में उलझन, कभी करियर की चिंता, तो कभी मानसिक तनाव। हम सभी चाहते हैं कि हमारा जीवन सुखमय हो, लेकिन क्या ऐसा संभव है कि जीवन में कभी कोई समस्या न आए? उत्तर स्पष्ट है— नहीं । समस्याएँ जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या हम इनके प्रभाव से मुक्त हो सकते हैं? उत्तर है— हाँ । यदि हम सही दृष्टिकोण अपनाएँ और अपने मन को जागरूक करें, तो हम किसी भी परिस्थिति में शांति और संतुलन बनाए रख सकते हैं। इस लेख में हम समझेंगे कि कैसे हम समस्याओं से परे जाकर एक जागरूक और संतुलित जीवन जी सकते हैं। 1. समस्याएँ क्यों आती हैं? समस्याएँ दो प्रकार की होती हैं: (i) बाहरी समस्याएँ (External Problems) ये वे समस्याएँ हैं जो हमारे नियंत्रण में नहीं होतीं, जैसे: ✔ आर्थिक कठिनाइयाँ (नौकरी छूटना, व्यापार में घाटा) ✔ पारिवारिक समस्याएँ (रिश्तों में मनमुटाव, तलाक, झगड़े) ✔ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें ✔ प्राकृतिक आपदाएँ या कानूनी परेशानियाँ इन समस्याओं को पूरी तरह टालना असंभव है,...

INNER PURITY: THE KEY TO TRUE HAPPINESS.

INNER PURITY: THE KEY TO TRUE HAPPINESS.  ANAND KISHOR MEHTA  Every person in the world is in search of happiness, but very few truly understand that real happiness does not lie in external material possessions but in inner purity and mental peace. As long as our mind is afflicted with negative thoughts, emotions, and bad tendencies, experiencing true bliss remains impossible. No matter how great our external achievements may be, if our heart is burdened with ego, greed, jealousy, and anger, true happiness can never enter our lives. Mental and Spiritual Ailments – Obstacles on the Path to Happiness 1️⃣ Ego: Ego is a mental ailment that fills us with self-pride. When a person considers themselves superior to others, humility and empathy fade away. Ego not only ruins relationships but also becomes the greatest obstacle to spiritual growth. Letting go of ego is essential for attaining true happiness. 2️⃣ Greed: Greed is never satisfied. When we desire more than w...

How to manage your own behaviour?

स्वयं के व्यवहार का प्रबंधन कैसे करे?  HOW TO MANAGE YOUR OWN BEHAVIOUR?  लेखक: आनन्द किशोर मेहता  "स्वयं को समझो, जीवन को संवारो" मनुष्य का सबसे बड़ा युद्ध बाहरी परिस्थितियों से नहीं, बल्कि स्वयं के भीतर चलने वाले विचारों और भावनाओं से होता है। आत्म-संयम और आत्म-नियंत्रण ही इस युद्ध में विजय प्राप्त करने का मार्ग है। जब आप अपने विचारों और प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करना सीख लेते हैं, तो जीवन की कठिनाइयाँ भी सरल प्रतीत होने लगती हैं। स्वयं को समझना ही सच्ची सफलता की कुंजी है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं— 1. आत्मनिरीक्षण करें और अपने विचारों को चुनौती दें किसी भी समस्या का समाधान खोजने से पहले स्वयं से प्रश्न करें: "क्या समस्या वास्तव में बाहर है, या मेरे दृष्टिकोण में सुधार की आवश्यकता है?" आत्मविश्लेषण से सोच स्पष्ट होती है और सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। जब हम अपने विचारों की गहराई में जाते हैं और पूर्वाग्रहों को छोड़कर सत्य को स्वीकार करते हैं, तो मानसिक स्पष्टता और आत्मिक शांति प्राप्त होती है। अपने विचारों को नियमित रूप से चुनौती दें और आत...