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Know Yourself: The Key to Awareness and Liberation

Know Yourself: The Key to Awareness and Liberation गुस्सा और मतभेद: बादल की गरज की तरह, प्रेम और स्नेह: सूरज की किरणों की तरह ~ आनंद किशोर मेहता जीवन में भावनाओं का उतार-चढ़ाव स्वाभाविक है। कभी गुस्सा (Anger) आता है, कभी मतभेद (Disagreement) होते हैं, तो कभी प्रेम (Love) और स्नेह (Affection) हमें जोड़ते हैं। लेकिन प्रश्न यह है कि हम अपनी भावनाओं को किस तरह संतुलित (Emotional Balance) करते हैं? गुस्सा और मतभेद बादल की गरज (Thunder of Clouds) की तरह होने चाहिए—जो क्षणिक रूप से शोर करें, लेकिन जल्द ही समाप्त हो जाएँ। वहीं, प्रेम और स्नेह सूरज की किरणों (Sun Rays) की तरह होने चाहिए—जो मौन रहें, लेकिन निरंतर जीवन को ऊर्जा और प्रकाश प्रदान करें। गुस्सा और मतभेद: क्षणिक आवेग (Temporary Impulse), स्थायी नहीं जब आकाश में बादल गरजते हैं, तो वे क्षणिक रूप से वातावरण में हलचल (Disturbance) मचाते हैं, लेकिन वे हमेशा के लिए नहीं टिकते। अगर वे ठहर जाएँ, तो अंधकार (Darkness) और असंतुलन (Imbalance) पैदा कर सकते हैं। उसी तरह, गुस्सा और मतभेद भी अस्थायी (Temporary) होने चाहिए। यदि वे...

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चेतना: एक मौलिक और स्वतंत्र विश्लेषण

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चेतना: एक मौलिक और स्वतंत्र विश्लेषण  भूमिका चेतना (Consciousness) विज्ञान की सबसे जटिल और रहस्यमयी पहेलियों में से एक है। यह केवल मस्तिष्क की गतिविधियों का परिणाम है, या यह भौतिक दुनिया से परे भी कोई अस्तित्व रखती है? यदि चेतना एक ही है, तो अलग-अलग व्यक्तियों के अनुभव कैसे अलग होते हैं? यह लेख स्पष्ट, आकर्षक और सरल भाषा में चेतना के न्यूरोसाइंस, क्वांटम भौतिकी, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से जुड़े सिद्धांतों का विश्लेषण करेगा। 1. चेतना और मस्तिष्क: न्यूरोसाइंस क्या कहता है? (A) मस्तिष्क और न्यूरॉन्स की भूमिका मस्तिष्क लगभग 86 अरब न्यूरॉन्स से बना है, जो विद्युत-रासायनिक संकेतों के माध्यम से संवाद करते हैं। वैज्ञानिकों ने चेतना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण मस्तिष्क क्षेत्र पहचाने हैं: सेरेब्रल कॉर्टेक्स: सोचने, तर्क करने और आत्मचेतना के लिए। थैलेमस: सूचना प्रसंस्करण और जागरूकता का केंद्र। प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स: निर्णय लेने और व्यक्तित्व निर्माण में सहायक। (B) अलग-अलग अनुभव क्यों होते हैं? हर व्यक्ति का मस्तिष्क अलग तरीके से काम करता है। न्यूरॉन्स का जुड...

How to manage your own behaviour?

स्वयं के व्यवहार का प्रबंधन कैसे करे?  HOW TO MANAGE YOUR OWN BEHAVIOUR?  लेखक: आनन्द किशोर मेहता  "स्वयं को समझो, जीवन को संवारो" मनुष्य का सबसे बड़ा युद्ध बाहरी परिस्थितियों से नहीं, बल्कि स्वयं के भीतर चलने वाले विचारों और भावनाओं से होता है। आत्म-संयम और आत्म-नियंत्रण ही इस युद्ध में विजय प्राप्त करने का मार्ग है। जब आप अपने विचारों और प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करना सीख लेते हैं, तो जीवन की कठिनाइयाँ भी सरल प्रतीत होने लगती हैं। स्वयं को समझना ही सच्ची सफलता की कुंजी है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं— 1. आत्मनिरीक्षण करें और अपने विचारों को चुनौती दें किसी भी समस्या का समाधान खोजने से पहले स्वयं से प्रश्न करें: "क्या समस्या वास्तव में बाहर है, या मेरे दृष्टिकोण में सुधार की आवश्यकता है?" आत्मविश्लेषण से सोच स्पष्ट होती है और सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। जब हम अपने विचारों की गहराई में जाते हैं और पूर्वाग्रहों को छोड़कर सत्य को स्वीकार करते हैं, तो मानसिक स्पष्टता और आत्मिक शांति प्राप्त होती है। अपने विचारों को नियमित रूप से चुनौती दें और आत...