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Showing posts with the label जीवनशैली

भाग तीसरा: सचेत सोच, सफल जीवन: आत्मविकास की दिशा में एक यात्रा ।

भाग तीसरा:  सचेत सोच, सफल जीवन: आत्मविकास की दिशा में एक यात्रा ।  Introduction: जीवन की दौड़ में अक्सर हम केवल बाहरी उपलब्धियों की ओर भागते रहते हैं, लेकिन वास्तविक शांति, संतुलन और विकास तभी संभव है जब हम अपने भीतर की यात्रा प्रारंभ करें। यह यात्रा तभी सार्थक बनती है जब हम हर दिन, हर क्षण सचेत रहें — अपने विचारों, प्रतिक्रियाओं और निर्णयों के प्रति। यह लघु लेख संग्रह उन विचारों का संकलन है जो हमें हर स्थिति में जागरूक, सकारात्मक और सशक्त रहने की प्रेरणा देते हैं। यह हमें सिखाते हैं कि — हमें अपनी मर्जी से जीना है, पर एक मार्गदर्शक के साथ , हर कार्य को एक रिसर्चर की तरह गहराई से करना है , नकारात्मक सोच और व्यवहार से स्वयं को कैसे बचाना है , और अंततः, हर पल को सुधार का अवसर मानकर आगे बढ़ना है। यह छोटे-छोटे विचार गहराई से सोचने और अपने जीवन में स्थायी सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए आमंत्रण हैं। इनमें कहीं आत्मसंयम की झलक है, कहीं आत्म-सशक्तिकरण का संदेश। यह संवेदनशील मन के लिए शक्ति और दिशा दोनों प्रदान करते हैं। 1 . तुम वही क्यों करो जो मेरी मर्ज़ी हो ?  ...

विश्व शांति और पर्यावरण संरक्षण: हमारी जिम्मेदारी

विश्व शांति और पर्यावरण संरक्षण: हमारी जिम्मेदारी   आज का समय चुनौतीपूर्ण है। जिस तरह से हमारा पर्यावरण बदल रहा है, वह केवल प्राकृतिक आपदाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन के हर पहलु को प्रभावित कर रहा है। प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और प्राकृतिक संसाधनों की अनियंत्रित खपत ने हमें यह समझने के लिए मजबूर कर दिया है कि अगर हम अभी कदम नहीं उठाते, तो आने वाली पीढ़ियां एक अस्वस्थ और असुरक्षित वातावरण में जीने के लिए मजबूर हो सकती हैं। लेकिन एक अच्छी बात है, हम इसे बदल सकते हैं! यह केवल हमारी मेहनत, समझ और एकजुटता पर निर्भर करता है। 1. पर्यावरण संरक्षण: हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी हमारी धरती ने हमें जो प्राकृतिक संसाधन दिए हैं, वे हमारे पूर्वजों की मेहनत और संचित ज्ञान का परिणाम हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल करें और इन्हें भविष्य के लिए बचाकर रखें। अगर हम प्रकृति को नष्ट करने की दिशा में बढ़ते हैं, तो न केवल हम अपने अस्तित्व को खतरे में डालेंगे, बल्कि पूरी पृथ्वी का संतुलन भी गड़बड़ा जाएगा। संदेश: "प्रकृति हमारी माँ है, हमें इसका आद...