शीर्षक: सत्य: शाश्वत, व्यापक और दिव्य तत्व ले खक: आनंद किशोर मेहता सत्य केवल एक शब्द नहीं, बल्कि जीवन का सबसे गहरा, शाश्वत और अनंत ज्ञान है। यह वह बुनियादी तत्व है जो हमारे अस्तित्व का आधार है, और इसके माध्यम से हम अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य को पहचान सकते हैं। सत्य का कोई सीमित रूप नहीं होता; यह हर आयाम में मौजूद है और समय, काल और परिस्थितियों से परे होता है। आइए हम सत्य के विभिन्न पहलुओं को समझें और जानें कि कैसे यह हमारे जीवन को रूपांतरित करता है। सत्य का शुद्ध रूप और विश्वास का महत्व: सत्य वह ज्ञान है जो पूरी तरह से शुद्ध और पारदर्शी होता है, जिसमें कोई छिपा हुआ तथ्य या मिथ्या नहीं होता। यह सच्चाई हमारे भीतर और बाहर दोनों स्थानों पर विद्यमान है। "विश्वास ही सत्य की जड़ है।" इस विचार से हम यह समझ सकते हैं कि सत्य तक पहुँचने का मार्ग विश्वास से होकर गुजरता है। जब हम सत्य में विश्वास करते हैं, तो हमें जीवन की दिशा सही मिलती है और हम अपने उद्देश्य के प्रति जागरूक होते हैं। सत्य के तीन प्रमुख स्तर: सत्य को हम तीन प्रमुख स्तरों में विभाजित कर सकते हैं, जो हमारे भौत...
Fatherhood of God & Brotherhood of Man.