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सही या गलत से परे जाओ: आत्मा की स्वच्छंद उड़ान

सही या गलत से परे जाओ: आत्मा की स्वच्छंद उड़ान ~ आनंद किशोर मेहता हम अपने जीवन में हर क्षण निर्णय करते हैं — यह सही है या गलत? यह अच्छा है या बुरा? यह पाप है या पुण्य? पर क्या कभी आपने सोचा है कि यह "सही और गलत" का विचार स्वयं कहाँ से आता है? यह समाज से आता है, परंपराओं से आता है, संस्कारों से आता है — परंतु आत्मा की आवाज़ इन सबसे परे होती है। द्वैत से अद्वैत की ओर हमारा जीवन द्वैत (Duality) से भरा है: सुख-दुख, जीत-हार, दोष-गुण, सही-गलत। परंतु जब आत्मा जागती है, तो वह इन सभी द्वंद्वों को पार करके अद्वैत में प्रवेश करती है — जहाँ कोई पक्ष नहीं होता, केवल शुद्ध चेतना होती है। वहाँ न आलोचना होती है, न प्रशंसा; न अस्वीकार होता है, न पक्षपात — केवल साक्षीभाव होता है। साक्षी बनो, निर्णायक नहीं जब हम स्वयं को और दूसरों को सही या गलत ठहराने लगते हैं, तो हम अहंकार से भर जाते हैं। पर जब हम साक्षीभाव में आते हैं, तब हम समझने लगते हैं कि हर जीव अपनी स्थिति, परिस्थिति और चेतना के अनुसार ही व्यवहार करता है। हममें करुणा आती है, और प्रतिक्रिया की जगह समझदारी जन्म लेती है...

MIND AND CONSCIOUSNESS: (The Journey from Ordinary to Ultimate Greatness)

मन का त्रिस्तरीय विकास: साधारण से परम श्रेष्ठता तक की यात्रा   AUTHOR: ANAND KISHOR MEHTA  (The Threefold Evolution of Mind: From Ordinary to Ultimate Greatness) मानव मन की गहराइयों को समझने के लिए हमें न्यूरोसाइंस, दर्शन, समाजशास्त्र और आध्यात्मिकता के विभिन्न दृष्टिकोणों को खंगालना होगा। यह लेख आपको अपनी मानसिक अवस्थाओं को पहचानने, सुधारने और उन्हें श्रेष्ठता की ओर ले जाने में सहायता करेगा। १. वैज्ञानिक दृष्टिकोण: न्यूरोसाइंस के अनुसार मन की अवस्थाएँ (1) साधारण मन (Ordinary Mind) इस अवस्था में व्यक्ति तर्क-वितर्क, प्रतिस्पर्धा और बाहरी उपलब्धियों में उलझा रहता है। न्यूरोसाइंस के अनुसार, जब कोई व्यक्ति अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने की कोशिश करता है, तो उसका प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (मस्तिष्क का निर्णय-निर्माण केंद्र) सक्रिय हो जाता है। इस अवस्था में बीटा तरंगें हावी रहती हैं, जो अत्यधिक सोच, मानसिक तनाव और चिंता को जन्म देती हैं। यह अवस्था समाज में सत्ता, प्रतिष्ठा और प्रभाव बढ़ाने की प्रवृत्ति से जुड़ी होती है। (2) महान मन (Great Mind) जब कोई व्यक्ति मौन धारण करता...