लेखक: आनंद किशोर मेहता कॉपीराइट © 2025 आनंद किशोर मेहता भौतिक से परे: चेतना के विकास की यात्रा सृष्टि के आरंभ में, जब जीवन का पहला स्पंदन पृथ्वी पर प्रकट हुआ, तब हम शुद्ध ऊर्जा के रूप में अस्तित्व में थे—एक झिल्ली जैसी संरचना, जो चेतना के प्रारंभिक स्तर का प्रतीक थी। उस समय, हमारा विकास केवल भौतिक स्वरूप तक सीमित था। हम केवल शरीर के स्तर पर क्रियाशील थे, जहाँ सभी कार्य केवल संवेदनाओं और प्रतिक्रियाओं के आधार पर संचालित होते थे। समय के साथ, जब जीवन ने क्रमिक विकास किया, तो मानसिक चेतना का उदय हुआ। हमने केवल शारीरिक गतिविधियों तक सीमित रहने के बजाय चिंतन, तर्क और बुद्धि का उपयोग करना शुरू किया। मनुष्य ने अनुभव करना शुरू किया कि केवल शारीरिक बल से नहीं, बल्कि विचारों, भावनाओं और मानसिक संकल्पना के माध्यम से भी कार्य किए जा सकते हैं। इस चरण में, ज्ञान, विज्ञान और दर्शन का उदय हुआ, जिससे मानव जाति एक उच्च अवस्था में प्रवेश कर सकी। अब, हम एक नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं—क्वांटम युग, जहाँ हमारा अस्तित्व केवल भौतिक और मानसिक क्षमताओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि क्वांटम चेतना के...
Fatherhood of God & Brotherhood of Man.