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बालकनी की हरियाली: प्रकृति का सजीव प्रेमगीत

बालकनी की हरियाली: प्रकृति का सजीव प्रेमगीत   लेखक: आनंद किशोर मेहता        कॉपीराइट © 2025 आनंद किशोर मेहता प्रकृति की गोद में बैठकर मधुर हवा का स्पर्श और हरे-भरे पत्तों की हल्की सरसराहट, मानो कोई पुराना सुर झूमकर बज उठा हो। जब सूरज की कोमल किरणें पत्तों पर थिरकती हैं, जब ओस की बूँदें मोती बनकर चमकती हैं, और जब हल्की हवा पौधों को स्नेह से सहलाती है—तब लगता है जैसे प्रकृति खुद हमें अपने आँगन में बुला रही हो। हर बालकनी, चाहे छोटी हो या बड़ी, जब उसमें हरियाली की कोमल चादर बिछ जाती है, तो वह एक जादुई संसार में बदल जाती है। वहाँ हर पौधा अपनी एक अलग कविता कहता है, एक अलग कहानी बुनता है, और मन को मोह लेने वाला संगीत रचता है। आइए, ऐसे ही कुछ सजीव हरित सौंदर्य के रत्नों से परिचय करें, जो आपकी बालकनी को महकते स्वप्नलोक में बदल देंगे। १. जेड प्लांट: छोटी हरियाली में छुपा सौभाग्य  मोटी, मोमी और चमकदार हरी पत्तियों से लदा हुआ जेड प्लांट, मानो बालकनी में बैठा सौभाग्य का एक प्रतीक हो। इसकी छोटी-छोटी पत्तियाँ सूरज की रोशनी को थाम लेती हैं और हल्की हवा के साथ मुस्कुराती है...