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पवित्र भूमि भारत: विश्व को दिशा देने वाला देश

पवित्र भूमि भारत: विश्व को दिशा देने वाला देश प्रारंभिक भाव: भारत—यह केवल एक भूखंड नहीं, यह एक चेतन संस्कृति, एक आध्यात्मिक ऊर्जा और मानवता के कल्याण की भावना का अद्भुत संगम है। यह वह पुण्य भूमि है जिसने न केवल हमें जन्म दिया, बल्कि हमें यह सौभाग्य भी प्रदान किया कि हम मानवता के मार्गदर्शक इस महान देश के नागरिक हैं। यह भूमि अपने आप में एक प्राचीन तपस्या है, जहाँ हर धूल कण ऋषियों की साधना से पवित्र है और हर नदी माँ की तरह जीवनदायिनी। यहाँ के पर्वत, यहाँ की हवाएँ, यहाँ की गूँज—सब कुछ किसी दिव्य संगीत की तरह आत्मा को छूते हैं। भारत की दिव्यता: भारत की धरती को केवल पावन कहना पर्याप्त नहीं। यह वह भूमि है जहाँ वेदों की ऋचाएँ गूंजीं, उपनिषदों की गहराई में आत्मा की खोज हुई, बुद्ध और महावीर जैसे संतों ने करुणा, अहिंसा और आत्म-साक्षात्कार का मार्ग दिखाया, और जहाँ गुरु नानक, संत कबीर, तुलसीदास और मीरा ने भक्ति की निर्झरिणी बहाई। भारत वह भूमि है जहाँ प्रेम केवल भाव नहीं, एक जीवन-पथ है। जहाँ सेवा केवल कार्य नहीं, आत्मा की अभिव्यक्ति है। और जहाँ तप, त्याग और समर्पण जीवन के मूलभूत सिद्धां...