सत्य और प्रकाश का संघर्ष: क्यों अंधकार रूठ जाता है? ~ आनंद किशोर मेहता भूमिका "सत्य और प्रकाश का मार्ग चुनना जितना सरल दिखता है, उतना ही चुनौतीपूर्ण होता है। जैसे ही व्यक्ति ज्ञान और सच्चाई की ओर बढ़ता है, अंधकार उसे रोकने का हर संभव प्रयास करता है।" अंधकार केवल रोशनी की अनुपस्थिति नहीं, बल्कि एक मानसिक और आत्मिक स्थिति भी है। जब कोई व्यक्ति सत्य, ज्ञान और नैतिकता की ओर अग्रसर होता है, तो वे शक्तियाँ जो अंधकार में जीने की अभ्यस्त हैं, इसका विरोध करने लगती हैं। सत्य का प्रकटीकरण अज्ञान और स्वार्थ पर आघात करता है, इसलिए विरोध स्वाभाविक है। अंधकार का स्वभाव: क्यों वह रूठता है? अंधकार का स्वभाव अपने अस्तित्व को बचाने का है। जब कोई प्रकाश जलाता है, तो अंधकार को हटना ही पड़ता है, और यह उसे स्वीकार नहीं होता। परिवर्तन का भय – सत्य परिवर्तन लाता है, और लोग परिवर्तन से डरते हैं क्योंकि यह उनकी जड़ता को तोड़ता है। स्वार्थ और अहंकार – जो अंधकार से लाभ उठाते हैं, वे सत्य को स्वीकार नहीं कर सकते, क्योंकि यह उनके स्वार्थ पर चोट करता है। मोह और अज्ञान – अंधकार में र...
Fatherhood of God & Brotherhood of Man.