बच्चों पर होमवर्क और स्कूली शिक्षा का बोझ ~ आनंद किशोर मेहता आज की शिक्षा प्रणाली बच्चों के संपूर्ण विकास के बजाय उन पर पढ़ाई और होमवर्क का भारी बोझ डाल रही है। स्कूल से लौटने के बाद भी बच्चे असाइनमेंट और रटने में उलझे रहते हैं, जिससे उनका खेल-कूद, रचनात्मकता और पारिवारिक समय प्रभावित होता है। समस्या के मुख्य कारण अत्यधिक होमवर्क – पढ़ाई का बोझ इतना बढ़ गया है कि बच्चों को आराम का समय ही नहीं मिलता। रचनात्मकता और खेल की कमी – खेल और अन्य गतिविधियों को पढ़ाई से कम महत्वपूर्ण समझा जाता है, जबकि वे मानसिक और शारीरिक विकास के लिए ज़रूरी हैं। मानसिक तनाव – पढ़ाई के दबाव से बच्चे चिड़चिड़े और तनावग्रस्त होने लगे हैं। समाधान सीमित और उपयोगी होमवर्क दिया जाए ताकि बच्चे अन्य गतिविधियों में भी भाग ले सकें। खेल-कूद और रचनात्मकता को बढ़ावा दिया जाए ताकि शिक्षा बोझ न लगे। स्मार्ट लर्निंग और रुचिकर शिक्षण पद्धतियाँ अपनाई जाएँ जिससे बच्चे पढ़ाई का आनंद ले सकें। माता-पिता और शिक्षक बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें ताकि वे तनावमुक्त और खुशहाल रह सकें। निष्...
Fatherhood of God & Brotherhood of Man.