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आध्यात्मिकता में पाँच गुप्त रहस्यात्मक नाम (निर्गुण शब्द)

आध्यात्मिकता में पाँच गुप्त रहस्यात्मक नाम (निर्गुण शब्द) विभिन्न संत-परंपराओं, विशेष रूप से संतमत, सिखमत, राधास्वामी पंथ और निर्गुण भक्ति मार्ग में, पाँच गुप्त रहस्यात्मक नामों (निर्गुण शब्दों) का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इन्हें साधना (ध्यान-भजन) के माध्यम से जपा जाता है, जिससे साधक की चेतना उच्च आध्यात्मिक स्तरों तक पहुँचती है। ये शब्द परम सत्य, अनहद नाद और दिव्य ज्योति से जुड़े होते हैं और आत्मा को परमात्मा तक पहुँचाने वाले गुप्त द्वार की कुंजी माने जाते हैं। पाँच गुप्त रहस्यात्मक नाम: जोति निरंजन (Jyoti Niranjan) – यह नाम दिव्य प्रकाश का प्रतीक है, जो आत्मा को अज्ञान के अंधकार से बाहर निकालकर सत्य की ओर ले जाता है। ओंकार (Omkar) – यह ब्रह्मांडीय ध्वनि (नाद) का मूल स्रोत है, जो समस्त सृष्टि में विद्यमान है और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। ररंकार (Rarangar) – यह परम सत्ता का गूढ़ नाम है, जो हर कण में व्याप्त चेतना और जीवन ऊर्जा का प्रतीक है। सोहंग (Sohang) – यह आत्म-साक्षात्कार का नाम है, जिसका अर्थ है "मैं वही हूँ" (अहं ब्रह्मास्मि), जो...