बच्चों के साथ अटूट प्रेम: सफलता और सुख का आधार ~ आनंद किशोर मेहता परिचय बचपन जीवन का सबसे कोमल और संवेदनशील चरण होता है। जिस प्रकार एक बीज को उपयुक्त मिट्टी, जल और प्रकाश मिलने पर वह एक विशाल, फलदायी वृक्ष में परिवर्तित हो जाता है, उसी प्रकार बच्चों का सर्वांगीण विकास भी प्रेम, स्नेह और सतत मार्गदर्शन पर निर्भर करता है। सच्चा प्रेम केवल एक भावना नहीं, बल्कि बच्चों की आत्मा को संवारने वाली सबसे शक्तिशाली ऊर्जा है। यह न केवल उन्हें आत्मनिर्भरता और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है, बल्कि उनके मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक विकास की भी आधारशिला रखता है। अटूट प्रेम: बच्चों के विकास की जड़ें बच्चों के प्रति अटूट प्रेम का अर्थ केवल उन्हें स्नेह देना नहीं, बल्कि उनके चहुंमुखी विकास के लिए एक सुरक्षित, प्रेरणादायक और पोषण देने वाला वातावरण प्रदान करना है। यह प्रेम उनके व्यक्तित्व को आकार देता है, आत्मविश्वास से भरता है और जीवन के हर मोड़ पर उन्हें सशक्त बनाता है। 1. आत्मनिर्भरता और निर्णय लेने की क्षमता जब बच्चे प्रेम और विश्वास से घिरे होते हैं, तो उनमें आत...
Fatherhood of God & Brotherhood of Man.