धीरे-धीरे ही सही, पर थमो मत: सफलता का असली मंत्र © 2025 ~ आनंद किशोर मेहता All Rights Reserved. हर इंसान के भीतर कुछ कर दिखाने की जिज्ञासा होती है। कोई तेज़ दौड़ना चाहता है, कोई ऊँचाई छूना चाहता है, और कोई सबसे आगे निकल जाना चाहता है। लेकिन ज़िंदगी की असली दौड़ में जीत केवल उसी की होती है — जो बिना रुके, बिना थके, लगातार सही दिशा में आगे बढ़ता रहता है। कभी-कभी धीमी चाल भी मंज़िल तक पहुँचती है, अगर नीयत साफ़ हो, हौसला मजबूत हो, और पग निरंतर बढ़ते रहें। यही वह जीवन सूत्र है जो एक साधारण कछुए को भी असाधारण बना देता है। बच्चों के लिए सच्चा सबक हमारे स्कूल के प्यारे बच्चे जब रोज़ थोड़ा-थोड़ा सीखते हैं, प्रयास करते हैं, तो वे हर दिन एक नये रूप में खिलते हैं। हर अक्षर, हर संख्या, हर मुस्कान — उनके भीतर एक उज्ज्वल भविष्य के बीज बोती है। उन्हें तेज़ दौड़ने की ज़रूरत नहीं — उन्हें तो बस ये समझने की ज़रूरत है कि अगर वे हर दिन थोड़ी मेहनत करें, मन लगाकर सीखें , तो एक दिन वे वह बन सकते हैं, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। युवाओं के लिए एक यादगार संदेश आज की पीढ़ी जल्दी सफलता चाहत...
Fatherhood of God & Brotherhood of Man.