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आस्था और परिश्रम: सफलता की कुंजी

आस्था और परिश्रम: सफलता की कुंजी  लेखक: आनंद किशोर मेहता मनुष्य के जीवन में आस्था और परिश्रम का अत्यधिक महत्व है। यह दो ऐसे स्तंभ हैं जो न केवल सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हैं, बल्कि असंभव को भी संभव बना देते हैं। यदि हम पौराणिक युग की ओर देखें, तो हमें कई ऐसे उदाहरण मिलते हैं जहाँ अटूट आस्था और कठिन परिश्रम ने चमत्कार कर दिखाए। वहीं, आधुनिक युग में भी यही सिद्धांत लागू होते हैं—जो अपने लक्ष्य पर विश्वास रखता है और निरंतर प्रयास करता है, वह निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करता है। पौराणिक युग में आस्था और परिश्रम का महत्व यदि हम रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों को देखें, तो हमें स्पष्ट रूप से आस्था और परिश्रम के अनेक उदाहरण मिलते हैं। भगवान राम का वनवास केवल एक संघर्ष नहीं था, बल्कि उनकी आस्था और धैर्य की परीक्षा थी। उन्होंने हर कठिनाई को धैर्यपूर्वक स्वीकार किया और अंततः विजय प्राप्त की। इसी तरह, महाभारत में अर्जुन की दृढ़ता और कृष्ण पर उनकी अटूट आस्था ने उन्हें कौरवों के विरुद्ध विजयी बनाया। इन कथाओं में यह संदेश निहित है कि सच्ची आस्था और परिश्रम से असंभव भी संभव हो स...