When Trust Breaks, New Paths Open: A Journey Towards Self-Discovery and New Beginnings जब विश्वास टूटे, तब जीवन की नई राहें खुलें - आनंद किशोर मेहता जीवन में हम सभी किसी न किसी रूप में विश्वास करते हैं—रिश्तों में, समाज में, स्वयं में और कभी-कभी किसी अज्ञात शक्ति में। यह विश्वास हमारे अस्तित्व की आधारशिला होता है। लेकिन जब यह टूटता है, तो एक गहरी निराशा हमारे भीतर जन्म लेती है। यह क्षण हमें झकझोर कर रख देता है, हमारी पहचान, हमारे रिश्ते और हमारे सपनों को एक नए दृष्टिकोण से देखने पर मजबूर करता है। परंतु क्या आपने कभी सोचा है कि विश्वास का टूटना केवल एक अंत नहीं, बल्कि एक नए निर्माण की नींव भी हो सकता है? क्या यह संभव है कि जब हमारा भरोसा बिखरता है, तब हमें अपने अस्तित्व और जीवन की गहरी सच्चाइयों को समझने का अवसर मिलता है? 1. विश्वास का टूटना: एक नई समझ की शुरुआत जब कोई अपना हमें धोखा देता है, जब समाज हमारी आशाओं पर खरा नहीं उतरता, या जब हम स्वयं अपनी ही अपेक्षाओं से गिर जाते हैं—तब हम शून्यता की स्थिति में पहुँच जाते हैं। यह शून्यता पहली नजर में कठिन प्रतीत होती है...
Fatherhood of God & Brotherhood of Man.