चेतना का विकास: मनुष्य, पशु पक्षी, पेड़-पौधे और प्रकृति लेखक: आनन्द किशोर मेहता Introduction सृष्टि में जो कुछ भी विद्यमान है, उसमें किसी न किसी रूप में चेतना का संचार हो रहा है। यह चेतना ही वह शक्ति है, जो जीवन को अनुभव करने, समझने और उसके मर्म तक पहुँचने की क्षमता प्रदान करती है। मनुष्य के लिए चेतना केवल एक मानसिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक ऐसा रहस्य है, जिसे जानकर जीवन का असली उद्देश्य स्पष्ट हो सकता है। विविध रूपों में चेतना प्रकट होती है, किंतु इसके मूल में एकता है। यह चेतना किसी एक जीव तक सीमित नहीं, बल्कि पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों और संपूर्ण प्रकृति में भी अपने स्तर पर विद्यमान है। इसे जानना, समझना और सही दिशा में इसका उपयोग करना ही सच्चा जीवन है। 1. Consciousness in Humans मनुष्य को विचार करने, आत्मनिरीक्षण करने और निर्णय लेने की विशेष योग्यता प्राप्त है। यह चेतना उसे केवल भोजन, सुरक्षा और सांसारिक कार्यों तक सीमित नहीं रखती, बल्कि उससे आगे भी बढ़ने की प्रेरणा देती है। जीवन के प्रति गहरी समझ और स्वयं के अस्तित्व का वास्तविक बोध इसी चेतना से संभव होता है। मनुष्य मे...
Fatherhood of God & Brotherhood of Man.