मानव जीवन, उत्तम परवरिश और सच्चे प्रेम की अनमोल यात्रा भूमिका मनुष्य के जीवन का वास्तविक उद्देश्य क्या है? क्या केवल जन्म लेकर सांस लेना और फिर एक दिन इस संसार से विदा हो जाना ही जीवन है? नहीं, जीवन इससे कहीं अधिक गहरा और अर्थपूर्ण है। यह एक यात्रा है—आत्मबोध, कर्तव्य, प्रेम और परवरिश की यात्रा। मनुष्य अपने विचारों से निर्मित होता है। उसकी परवरिश उसके व्यक्तित्व का निर्माण करती है, और सच्चा प्रेम उसकी आत्मा को शुद्ध और सशक्त बनाता है। जीवन की सार्थकता इसी में है कि हम अपने जीवन को समझें, अपने कर्तव्यों का पालन करें और सच्चे प्रेम को पहचानें। यही जीवन की पूर्णता है। मानव जीवन: उद्देश्य की खोज मनुष्य का जीवन केवल भौतिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मबोध, सेवा, और कर्तव्यनिष्ठा से परिपूर्ण होना चाहिए। जीवन का असली उद्देश्य यह जानना है कि हम क्यों आए हैं और हमें क्या करना चाहिए। जीवन के तीन महत्वपूर्ण आयाम भौतिक पक्ष – यह हमारे रोजमर्रा के कार्यों, आजीविका, सुख-सुविधाओं और सामाजिक संबंधों से जुड़ा होता है। मानसिक और बौद्धिक पक्ष – इसमें हमारे विचार,...
Fatherhood of God & Brotherhood of Man.