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भाग दूसरा: जीवन का सच्चा स्वर — भावनाएँ, ज़िम्मेदारियाँ और आत्मिक रिश्तों के रंग

जीवन का सच्चा स्वर — भावनाएँ, ज़िम्मेदारियाँ और आत्मिक रिश्तों के रंग :  "जो दिल से जीते हैं, वे दर्द में भी मुस्कुराते हैं — क्योंकि उनका जीवन दूसरों के लिए एक संदेश होता है, और मौन में भी एक प्रेरणा।" 1. संवेदनशील दिल: मौन में गूंजती संवेदनाओं की दुनिया    ~ आनंद किशोर मेहता.  "जो दिल से सबके लिए जीते हैं, अक्सर खुद के लिए कोई नहीं होता..." कुछ दिल बहुत कोमल होते हैं — वे धड़कते हैं दूसरों के लिए, मुस्कुराते हैं सबके दुःख ढकने के लिए, और टूटते हैं इस दुनिया की बेरुखी में चुपचाप। ये  संवेदनशील दिल  सिर्फ धड़कते नहीं, जीते हैं — दूसरों की तकलीफों में, उनके आंसुओं में, उनकी खामोशियों में। जो हर दर्द को महसूस करते हैं... वे दिल, जो किसी की हल्की सी आहट से भी उसकी पीड़ा पहचान लेते हैं, अक्सर खुद की चुप्पी में खो जाते हैं। वे अपने आँसुओं को नहीं दिखाते, बस दूसरों के आँसू पोछते हैं। इनका अपनापन इतना सच्चा होता है कि ये खुद की नहीं, सबकी फ़िक्र करते हैं। पर क्या कोई इनका होता है...? दुनिया में भावनाओं की जगह कम होती जा रही है। संवेदनशील लोगों की निश्छलता को अक्सर...