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Showing posts from March, 2018

Poems

*दयालबाग़ की भूमि-----  दयालबाग़ की भूमि का चप्पा- चप्पा हमको प्यारा है अपने खून पसीने से हमने इसे स॔वारा है। इस भूमि की ईंट-ईंट हमको प्राणों से प्यारी है  इसकी सौंधी-सौंधी खुशबू  सारी दुनिया से न्यारी है।ईश्वर की भूमि है यह ईश्वर इसका रखवाला है कोई कुछ भी करले  इसका  कुछ नहीं बिगड़ने  वाला है।  कोई दुष्मन नहीं हमारा  सबही हमको प्यारे हैं एक पिता की सब सन्तानें भाई बन्धु हम सारे हैं। आओ मिलकर इस भूमि  पर  हीरे मोती उपजाएं सत्य अहिंसा और प्रेम के  गीत सभी मिल कर गाएं।  ऐसी पावन भूमि पर आओ शीष झुकाएं कुल मालिक की दया मेहर हम सब मिलकर के पाएं।।  इसकी रज से तिलक करें हर वक्त बसन्त मनाएं  शुकराने के फूलों से इस बगिया को महकाएं।।  *ranjeet@basantkumar*   1/9/2023 1. 🙏🏽🌹शुक्रिया........ परम पुरुष...! शुक्रिया शुक्रिया आपका शुक्रिया तहे दिल से है__ आपका शुक्रिया........ आप धुर घर से चल कर के आए यहां जो दया की करूं उसका कैसे बयां...? शुक्रिया शुक्रिया आपका शुक्रिया तहे दिल से है आपका शुक्रिया...... राह निज घर की आकर दिखाई हमें जुक्ति चलने की उस पर सिखाई हमें शुक्रिया शुक