बस किसी ने नहीं सुनी मेरी अंतरात्मा…
कभी-कभी लगता है जैसे मैं एक ऐसे कमरे में हूँ जहाँ सब कुछ है—दीवारें, छत, खिड़की, दरवाज़ा भी…
पर फिर भी कोई दस्तक नहीं देता।
हर ओर चुप्पी है—भीतर भी, बाहर भी।
मैंने कोशिश की कि कोई मेरी आँखों में झाँके…
पर लोग सिर्फ चेहरों को पढ़ते हैं, अंतरात्मा की चुप्पी को नहीं।
मैंने मुस्कराहट ओढ़ ली, ताकि कोई पूछे—"सब ठीक है न?"
पर सबने मान लिया कि मैं सच में ठीक हूँ।
सच कहूँ?
मैं थक गया हूँ।
हर बार खुद को समझाने से…
हर बार सबके सामने मज़बूत दिखने की कोशिश से…
हर बार खुद के आँसू खुद ही पोंछने से…
कभी लगता है—क्या कोई है जो मेरे भीतर की आवाज़ को सुन सके?
कोई, जो मुझे बिना बोले समझ सके?
शब्द अब कम पड़ते हैं, लेकिन आंसू कभी नहीं थकते।
भीड़ है, रिश्ते हैं, आवाजें हैं…
पर कोई “मेरा” नहीं लगता।
फिर भी मैं जी रहा हूँ…
क्यों?
क्योंकि कहीं न कहीं, दिल के किसी कोने में एक उम्मीद अभी बाकी है…
शायद कोई एक दिन आएगा—
जो चुप रहेगा, पर सब समझ जाएगा…
जो सलाह नहीं देगा, बस पास बैठ जाएगा…
जो मेरी अंतरात्मा की थकान, मेरी चुप्पी को पढ़ लेगा—
बिना किसी दृष्टिकोण के, बिना किसी शर्त के।
वो दिन अभी नहीं आया…
पर शायद ये शब्द उसी दिन की दस्तक हैं।
© 2025 ~ आनंद किशोर मेहता. All Rights Reserved.
बस कोई समझता…
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"मैंने सबसे पहले खुद को खोया… ताकि सबको पा सकूं, पर अंत में कोई मुझे ढूँढ़ने नहीं आया।"
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"जिसने मेरी चुप्पी को नहीं समझा, वो मेरे शब्दों का मूल्य क्या जानेगा?"
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"हर मुस्कान का मतलब खुशी नहीं होता… कभी-कभी वो अंतरात्मा की थकान को छुपाने की आदत होती है।"
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"मैं चाहता था कोई मुझे 'समझे'… लेकिन सबने मुझे 'सुधारने' की कोशिश की।"
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"मैंने बहुत कुछ कहा, पर लोग वही सुने जो उन्होंने सुनना चाहा।"
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"जो खुद से संवाद करना सीख जाता है, वो दुनिया की चुप्पी से डरता नहीं।"
"मैंने सबसे पहले खुद को खोया… ताकि सबको पा सकूं, पर अंत में कोई मुझे ढूँढ़ने नहीं आया।"
"जिसने मेरी चुप्पी को नहीं समझा, वो मेरे शब्दों का मूल्य क्या जानेगा?"
"हर मुस्कान का मतलब खुशी नहीं होता… कभी-कभी वो अंतरात्मा की थकान को छुपाने की आदत होती है।"
"मैं चाहता था कोई मुझे 'समझे'… लेकिन सबने मुझे 'सुधारने' की कोशिश की।"
"मैंने बहुत कुछ कहा, पर लोग वही सुने जो उन्होंने सुनना चाहा।"
"जो खुद से संवाद करना सीख जाता है, वो दुनिया की चुप्पी से डरता नहीं।"
© 2025 ~ आनंद किशोर मेहता. All Rights Reserved.
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